मोसंबी और अंगूर की मिठास पहुंचेगी की महाराष्ट्र के जालना से सात समंदर पार
Posted by: mujib Jamindar महाराष्ट्र के जालना JALNA जिले को मोसंबी जिले के रूप में जाना जाता है। अब जीआई सर्टिफिकेशन GI certification के साथ यहां का मौसम्बी सीधे अंतरराष्ट्रीय बाजार International market में जाएगा। जालना में गुरुवार को डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट एब्स District Export Abs के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें निर्यात विशेषज्ञों ने किसानों , उद्यमियों और पेशेवरों को मार्गदर्शन किया। जिले में मो सं बी के साथ-साथ सोयाबीन , कपास , मिर्च और अंगूर का भी बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। इसलिए , निर्यात के लिए पर्याप्त अवसर हैं। पौष्टिक वातावरण के कारण , विशेषज्ञ कि माने तो, जालना के मोसंबी में विटामिन सी और पोषक तत्व Vitamin C and Nutrients अधिक पाये जाते हैं। मोसंबी के लिए पोषक पर्यावरण उपलब्ध है| जालना जिले में मोसंबी का क्षेत्रफल 20 हजार हेक्टेयर है। वार्षिक उत्पादन 3 से 4 लाख टन था। औसत उपज 10 टन प्रति हेक्टेयर है। जीआई रेटिंग से मौसंबी की खेती बढ़ी है। मागरोह्यो , भाऊसाहेब फुंडकर बाग रोपण योजना के साथ-साथ व्यक्तिगत किसान रोपण कर रहे है