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Showing posts from March, 2023

Ramzan 2023 Mubarak : रमज़ान 2023 मुबारक - रमज़ान कि हार्दिक शुभकामनाएं ; रमजान 2023 मून साइटिंग लाइव न्यूज़

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  ।। रमजा़न मुबारक ।।  रमजान 2023 मून साइटिंग लाइव न्यूज़ : रमजान 2023 चांद दिखा और भारत में रमजान चांद अपडेट, कल शुक्रवार से उपवास याने रोज़ा होगा शुरू। आज तरावीह कि नमाज़ अदा किए जाएंगी। रमज़ान की शुरुआत आम तौर पर चांद देखकर ही करते हैं। आज शाम भारत समेत बांग्लादेश, पाकिस्तान में चांद देखा गया।  रमजान 2023 का चाँद बुधवार 22 मार्च को सऊदी अरब समेत UAE संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन और दुनिया के सभी मुस्लिम-बहुल देशों में देखा गया था। इसलिए उन सभी देशों में कल तरावीह कि नमाज़ अदा किए जा चुकी। और आज रमज़ान 2023 का पहला रोज़ा भी रखा गया। Also Read:   शब ए बरात की फ़ज़ीलत समाचार मीडिया के सभी पाठकों को और हमारे सभी भारत समेत दुनिया के सभी देश वासियों को रमजा़न की हार्दिक शुभकामनाएं ।। रमजा़न मुबारक ।।  Editor/  Writer/ Journalist:  गु़लाम मुजीब हुसैन ज़मीनदार समाचार मीडिया । हिन्दी। www.samachar-media.com

Hate News: भारत के सामाजिक स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक

 Hate News: भारत के सामाजिक स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक  Hate News: भारत के सामाजिक स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक

HAJ COMMITTEE: हज यात्रियों के लिए फार्म जमा करने की अंतिम तारीख 20 मार्च तक बढ़ा दी गई

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  Posted By: Mujib Jamindar (समाचार मीडिया ब्यूरो) 2023 में हज यात्रा पर जानेवाले हज यात्रियों के लिए ऑनलाइन दरख्वास्त की तारीख़ बढ़ा दी गई है, और अब 20 मार्च शाम 5 बजे तक फ़ार्म भरे जा सकतें हैं। गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के अल्पसंख्‍यक मंत्रालय के निर्देशानुसार हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज यात्रा के फॉर्म भरने की अंतिम तारीख़ को बढ़ाकर 20 मार्च 2023 कर दिया है। यह हज यात्रियों के लिए गोल्डन चांस माना जा रहा है। Also Read:  शब ए मेराज का वाकिया हिन्दी में हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज 2023 के लिए हज यात्रियों के लिए फॉर्म जमा करने की आख़री तारीख़ 10 मार्च से बढ़ाकर 20 मार्च कर दी है।  ऐसी जानकारी आज हज कमेटी के  जालना के अध्यक्ष निसाल अहमद खान, सचिव शेख वकार इमरान खान ने दी।  उन्होंने आगे कहा कि हज यात्रियों को बड़ी मस्जिद, कपड़ा बाजार, जालना में हज कमेटी के, जालना के कार्यालय से संपर्क करना चाहिए और आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पैन कार्ड, कोविड टीका यातायात, रक्त समूह आदि 20 मार्च से पहले कार्यालय के साथ कृपया देखें और प्रपत्र दर्ज करें।  उ...

शब ए बरात दूआ और मग़फ़िरत की रात Shab E Barat Dua Aur Maghfirat ki Raat

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  written By:  Hafez Mohammad Layek Kureshi Edited & Posted By:   Journalist   Mujib Jamindar Shab E Barat Dua Aur Maghfirat ki Raat Shab e barat ka waqia hindi me  शब-ए-बरात में दुआ जल्दी कुबूल होती है।  वास्तव में शब-ए-बरात बरकत, बड़ाई, दया और क्षमा की रात है।  जिसमें सर्वशक्तिमान अल्लाह द्वारा रात भर अपनी रहमतों के खजाने लुटाते हैं।  हरसू रहमत में एक मंद छाया होती है।  क्षमा के द्वार खुले होते हैं।  अल्लाह ताला ने अपने सभी बंदो को पैदा किया है, और उन्की हमेशा जरूरतें पूरी in करता है।  जो उसके पवित्र बारगाह में अपनी जरूरते पेश करते हैं, वे धन्य हो जाते हैं।  हर समय, हर घड़ी उसकी रहमते हम से जुड़ी रहती है।  वह रत्ती भर भी कम नहीं होती, वह अपने रहमतो से नहीं थकता, और न मांगने वालों पर क्रोधित होता है।  बल्कि माँगने वाले बंदो से वह बहुत प्रसन्न होता है।  यदि कोई व्यक्ति अपने प्रश्न का उत्तर न पाने के कारण निराश होता है, तो वह कहता है: ऐ मेरे बंदे, मेरी रहमत (दया) से निराश न हो,तू माँग कर मै देने को सदैव तैयार ...

शब ए बरात की फ़जी़लत और अहेमीयत Shab e barat ki Fazilat wa Ahemiyat

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  written By: Gulam Subhani Nadvi Edited & Posted By: Mujib Jamindar  Shab e barat ka waqia hindi me  Shab  E Barat ki Fazilat wa Ahemiyat: शब ए बरात याने   जब शाबान की पन्द्रहवीं रात आए तो उस रात इबादत करो और उसके बाद के दिन रोज़ा रखो, क्योंकि उस रात अल्लाह ऊपर वाले ने सूर्यास्त के समय से स्वर्ग और दुनिया का निर्माण किया। ”लेकिन जलवा विशेष कहता है और अल्लाह तआला कहता है: क्या कोई है जो क्षमा याने माफ़ी चाहता है कि मैं उसे क्षमा कर दूं, क्या कोई परेशानी से पीड़ित है जिसे मैं शांति प्रदान करूं , क्या कोई ऐसा है जो मग़फ़िरत चाहता हो, और यह आवाज सुबह तक जारी रहती है। Shab e barat ka waqia hindi me  शब-ए-बरात की अहमियत और खूबी पर अल्लाह के रसूल ﷺ ने कहा कि शब-ए-बारात के मौके पर इबादत करने वाले के गुनाह माफ हो जाते हैं। हालांकि उसके गुनाह बनू कल्ब की बकरियों के बाल से भी ज्यादा हैं। हदीस शरीफ में बकरे के बालों का जिक्र है जिसका मकसद साफ तौर पर बयान करना है कि भले ही गुनाहों की तादाद कितनी भी हो लेकिन शब-ए-बारात के दिन इबादत करने से न सिर्फ इबादत कुबूल होती ...