आष्टी में ग्रामीण अस्पताल के निर्माण को लेकर पत्रकारों का एल्गार ! जल्द ही होगा जन आंदोलन

 

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Posted by: Mujib Jamindar

(समाचार मीडिया ब्यूरो) आष्टी में फ़िलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, और इस केंद्र पर आष्टी शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों के चालीस गांवों के 60000 से 70000 से अधिक आबादी के बोझ का सामना करना पड़ रहा है। इतने सारे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं होने के कारण नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करना मुश्किल है। 

   उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं आधे अधुरे होने से आम लोगों  का स्वास्थ्य ख़तरे में है। 

   आम लोगों के स्वास्थ्य को लेकर आष्टी के पत्रकार और समाज सेवक मित्रों कि हाल ही एक मीटिंग हुई। मीटिंग में आम लोगों के स्वास्थ्य को लेकर पत्रकार और समाज सेवक मित्रों ने काफ़ी चिंता जताई।

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      लोगों का स्वास्थ्य बना रहे, महिलाओं कि डिलेवरी में तत्काल सुविधाएं मिलें और दुर्घटना के बाद जख़्मी मरीजों को तत्काल  इलाज कि सुविधाएं मिलें और साथ ही साथ दिल के मरीजों को तुरंत उपचार मिल सके इसलिए आष्टी शहर में ग्रामीण अस्पताल के निर्माण को लेकर पत्रकार और समाज सेवक मित्रों ने एक होकर सरकार से अपनी मांग मनवाने को लेकर एल्गार पुकारा है।

    इसलिए आष्टी के पत्रकारों और समाजसेवियों ने आज आष्टी के ग्रामीण अस्पताल के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया है।

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      मीटिंग में वरिष्ठ पत्रकार मुजीब जमीनदार, अजीस जमींदार, अर्जुन थोरात, गौतम शेलके, बाबासाहेब बागल, अभिजीत चौरे, राजेश्वर नायक, राहुल अवटे, ज्ञानेश्वर सोलंके, सोपान वाघमारे, आरिफ कल्याणकर, उमेश वैद्य आदि पत्रकार और समाज सेवक मौजूद थे। 

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     जल्द ही, एक संयुक्त लड़ाई के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं, नागरिकों एवं पत्रकारों की संयुक्त उपस्थिति से ग्रामीण अस्पताल के निर्माण को लेकर जन आंदोलन छेड़ा जाएगा। 


दवा और गोलियों कि किल्लत

    प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में दवा गोलियों की स्थायी कमी है। जिससे नागरिकों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।

     चिकित्सा अधिकारी न होने व दवाईयां न मिलने से नागरिकों को परेशानी हो रही है। आष्टी शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में मजदूर और किसान संख्या में अधिक हैं। इसलिए ये मज़दूरी करके ही अपना गुजारा करते हैं। इसलिए आष्टी शहर में एक ग्रामीण अस्पताल  कि अति आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग की उपेक्षा का असर आम नागरिकों की जेब पर पड़ रहा है। आम लोगों की आक्रोशित प्रतिक्रिया सुनने को मिल रही है।

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चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मि क्या समय पर मिल पाएंगे ? 

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     दुर्घटना की स्थिति में आष्टी क्षेत्र में समय पर सही इलाज नहीं मिलने से कई लोगों की मौतें हो चुकी है। 

     प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कमज़ोर इलाज के साथ साथ दवा और गोलियां की कमी है। और तो और कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को छोड़कर इसकी भी कोई गारंटी नहीं है चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मि समय पर मिल ही जाएंगे। 

      पिछले कुछ वर्षों में आष्टी में निजी क्लीनिकों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंधन में सुधार नहीं हुआ है और बढ़ती आबादी और क्षेत्र में गांवों की संख्या को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि एक ग्रामीण चिकित्सालय की आवश्यकता है। 

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ग्रामीण अस्पताल वक्त की ज़रूरत 

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      ग्रामीण अस्पताल एक अस्पताल होता है , जो एक जिला सामान्य अस्पताल के समान होता है। लेकिन विशेष रूप से प्रशिक्षित और दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कर्मचारी होते हैं। और तकनीकी से लैस संसाधन भी होते हैं।

    प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जगह आष्टी में ग्रामीण अस्पताल बहुत ज़रूरी है। आम जनता के इलाज की बड़ी समस्या को हल करने में उदासीनता बरती जा रही है। 

     इसलिए आष्टी के पत्रकारों और समाजसेवियों ने आज आष्टी के ग्रामीण अस्पताल के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया है।

    जल्द ही अगली दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा।



Editor/ Writer/ Journalist: 

गु़लाम मुजीब हुसैन ज़मीनदार

समाचार मीडिया । हिन्दी।

www.samachar-media.com


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