SAD NEWS: हाफ़ेज़ अफ़ज़लुददीन सहाब फ़ारुकी का देहांत; हुए सुपुर्द-ए-ख़ाक़
पत्रकार मुजीब ज़मीनदार
(समाचार मीडिया ब्यूरो) जालना जिला के आष्टी शहर के प्रसिद्ध, प्रतिष्ठित और शकशीयत हाफ़ेज अफ़ज़लुददीन सहाब फ़ारुकी ने कल सुबह तड़के दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके परिजनों ने कहा कि मृत्यु के समय उनकी आयु 69 वर्ष कि थी।
आपको बता दें कि हाफ़ेज अफ़ज़लुददीन सहाब फ़ारुकी पिछले कुछ महीनों से गंभीर बिमारीयों से झुंज रहे थे। कल शाम छह बजे ख़ादर बादशाह रहे. कब्रिस्तान में नमाज़ ए जनाजा़ के बाद सुपुर्द ख़ाक़ कर दिया गया। इस वक्त हज़ारो कि तेदाद में उनके परिजन और चाहने वाले मौजूद थे।
मौलाना रियाजउद्दीन फ़ारुकी के भाई
आपको बता दें कि हाफ़ेज अफ़ज़लुददीन सहाब फ़ारुकी औरंगाबाद के मौलाना रियाजउद्दीन फ़ारुकी के चचेरे भाई, मोईज़ फ़ारुकी और हाफ़ेज मुजीब फ़ारुकी के पिता थे।
हाफ़ेज अफ़ज़लुददीन सहाब फ़ारुकी अपने पिछे अपनी पत्नी दो बेटे, बहुएं ,दो बेटियां, दामाद, नाते नवासे, पोते पोतियां और बहोत सारा परिवार छोड़ गए।
हमेशा से ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज उठाते रहे और लड़ते रहे
वह अपने बेबाक अंदाज और लाजवाब शकशीयत के रूप में जाने जाते थे। वह हमेशा से ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज उठाते रहे और लड़ते रहे। उन्होंने सामुहिक तौर पर अपने ज़िन्दगी का आख़िरी ख़ुत्बा और ईद की नमाज़ ईद उल अजहा के मौके पर ईदगाह ईद में अदा कि थी।
आपको बताता चलूं कि हाफ़ेज अफ़ज़लुददीन सहाब फ़ारुकी ने कंई बरसों तक आष्टी के मरकज़ यानी मशहूर जामा मस्जिद में ईमामत कि।
दिखा भाईचारा , परंपरा और एकता सद्भावना भाव
आपको बता दें कि हाफ़ेज अफ़ज़लुददीन सहाब फ़ारुकी के देहांत कि ख़बर फैलते ही मुस्लिम समुदाय के साथ साथ हिंदू भाइयों ने भी अपनी अपनी दुकानें बंद कर भाईचारे का सबुत दिया।
ज्ञात हो कि फ़िलहाल गणेश जी उत्सव चल रहा है। काजी सहाब फ़ारुकी कि मौत कि ख़बर सुनते ही गणेश मंडल के पदाधिकारियों ने गीत, संगीत और गाणे बजाना बंद कर दुःख में बराबर का हिस्सा लिया।
आष्टी शहर और गांव कि यही परंपरा और खासियत मन को लुभाती है। यह देश और दुनिया के लिए एक बेमिसाल है। SRK
सर्व पक्षिय नेता और कार्यकर्ता शामिल
उन्हें सब बड़े हाफ़ेज सहाब के नाम से जानते थे। इस वक्त राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के तालुका अध्यक्ष बालासाहेब काका आकात, राष्ट्रवादी के युवा नेता नितिन भाई जेथलीया ,राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत दादा) के तालुका अध्यक्ष बाबाजी गाडगे, रांजनी के मदरसा के नाज़ीम मौलाना नईम सहाब, आष्टी के नाज़ीम का़री शमशुद्दीन सहाब और पाथरी मदरसा के नाज़ीम कारी वसीम सहाब, उलेमा ए कराम, हुफ्फ़ाज़ ए कराम, रिश्तेदार और सभी वर्गों के लोग हज़ारों की संख्या में मौजूद थे।
انا للہ و انا الیہ راجعون
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