मुप्टा संगठन के संज्ञान और शिक्षा अधिकारी के भुमिका से उर्दू स्कूल,धर्माबाद में हड़कंप !
(समाचार मीडिया ब्यूरो) शिक्षा अधिकारी जिला परिषद नांदेड़ के आदेशानुसार उर्दू स्कूल धर्माबाद के शिक्षक ज़ाकिर ख़ान अलियार ख़ान का समायोजन फैजुल उलूम उच्च विद्यालय गोकुल नगर नांदेड़ में किया गया था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से उर्दू हाई स्कूल धर्माबाद के प्रधानाध्यापक एम. अजहरुद्दीन समायोजित विद्यालय को जाकिर सर की सेवा पुस्तिका और उसकी दूसरी प्रति सौंपने से हिचक रहे थे।
मुप्टा संगठन ने लिया था संज्ञान
इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मुप्टा संगठन कि ओर से मा. शिक्षा अधिकारी दिगरस्कर को एक ज्ञापन सौंपा गया। इस पर शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) ने 26 मई को सुनवाई की और प्रधानाध्यापक उर्दू हाई स्कूल धर्माबाद को दो दिन के भीतर सेवा नियमावली और उसकी दूसरी प्रति को अपडेट कर लाने का आदेश दिया। आदेश की पूर्ति न होने की दशा में प्रधानाध्यापक के वेतन पर रोक लगाने की चेतावनी उन्हें दी गई थी ।
उचित कार्रवाई से बचने हेतु उर्दू हाई स्कूल धर्माबाद द्वारा जाकिर सर के स्कूल फैजुल उलूम हाई स्कूल में सेवा पुस्तिका और उसकी दूसरी प्रति नांदेड़ में सौंप दी गई।
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ज़ाकिर सर ने किया आभार व्यक्त
इस कामकाज से संतुष्ट होते हुए ज़ाकिर ख़ान ने मुप्टा एसोसिएशन के संस्थापक सचिव एवं नेता सुनील मगरे सर, जूनियर कॉलेज जिलाध्यक्ष प्रोफेसर जालंधर वाहुल, उर्दू विभाग के प्रदेश अध्यक्ष समीउल्लाह ख़ान, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष प्रो. मोइन सौदागर सर, जिलाध्यक्ष एम एजाज, प्रोफेसर डी. आर. नागरगोजे, प्रोफेसर सुभाष हिवराले का आभार व्यक्त किया। उन्होंने श्री शिक्षा अधिकारी दिग्रस्कर का भी आभार व्यक्त किया । मुपटा संगठन के साथ ही माननीय शिक्षा मण्डल शिक्षा अधिकारी द्वारा निर्णायक भूमिका निभाने पर संतुष्ट होते हुए शिक्षा क्षेत्र में संतोष और आभार व्यक्त किया जा रहा है।
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सरकारी आदेश कि अवहेलना ?
ज्ञात हो कि उर्दू हाई स्कूल धर्माबाद के प्रधानाध्यापक पिछले सात माह से सरकारी आदेश की अवहेलना करने का कार्य कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ख़बर ये भी है कि इसी स्कूल के लिपिक एम. रफियोद्दिन ने नांदेड़ के कलेक्टर के पास संस्थाध्यक्ष और प्रधानाध्यापक के खिलाफ मानसिक रूप से प्रताड़ित करने कि शिकायत भी दर्ज कराई है।
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शिक्षा माफियाओं कि नकेल कसी जाए
शिक्षा प्रेमी समाज कि ओर से यह भी मांग हो रही है कि शिक्षा संस्थानों के इस तरह के चलन पर रोक लगाई जाए। और शिक्षा पेशे जैसे पवित्र क्षेत्र को अपवित्र बना रहे शिक्षा माफियाओं कि नकेल कसी जाए।
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