कृषी कानुनो के विरोध में किसानों का जनसैलाब दिल्ली कि ओर Public opinion of farmers towards Delhi against agricultural law
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प्रतीकात्मक चित्र |
सितम्बर माह में केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गये कृषी कानूनों का विरोध जतलाने के लिये किसान संघटना और उनके हजारों किसान सैनिक दिल्ली कि ओर चल पढे|
पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के हजारों कि संख्या में किसान दिल्ली में आंदोलन करने के लिये निकल पढे| आपको बता दे के किसान इस आंदोलन को तेज धार देने के लिये अपने खाने-पिने के सामान के साथ ट्रक-ट्रेकटर के सवारी के साथ रासतो पर जनसैलाब बन कर उतर आए| जिस कारन अंबाला-पटियाला महामार्ग पुरी तरह से जाम हो गया है, जिसके चलते यातायात पर भारी असर पडा है|
किसान पुलीस आमने सामने
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कृषी
कानुनो के विरोध और अन्य मांगो को लेकर दिल्ली कि ओर चल रहे हजारों किसान अपने
उत्साह के साथ और कंद्र के विरोध में रासतो पर निकल पढे| लेकीन आंदोलन कारियो को
दिल्ली से बाहर हि रोकने के लिये बडे पैमाने पर पुलीस बल तैनात किया गया है|
पुलिस ने किसान आंदोलन कारियो को रोकने कि कोशीश कि, लेकीन किसान समुह ने पीछे हटने से इन्कार करते हुवे दिल्ली कि ओर चल रहे है| किसानों के समुह को रोकने के लिये पुलिस ने पहले तो पानी के बंब से किसानों पर पानी कि बौछार कर दी, जिस कारन किसानों में गुस्सा फुट पढा| और किसान चलते राहे, फिर पुलिस ने अपने बल अधिकार का उपयोग करते हुवे किसान कि ओर आंसु गैस के गोले डागे लेकीन अब यह आंदोलनऔर भी भडकता दिखाई दे रहा है|
प्रियंका गांधी कि
नाराजगी|
किसानों
पर जबरन थोपे जानेवाले कृषी कानुनो का विरोध कर रहे किसान लोकतंत्र के तहत आंदोलन
करने जा रहे है|लेकीन सरकार कडाके कि थंडी, सर्दी में गरीब किसानो पर थंडे पानी कि
बरसात कर रही है| यह किसानों पर अन्याय है, ऐसा नाराजगी के स्वर में कहते हुवे
आखिल भारतीय कॉंग्रेस कि नेता प्रियंका गांधी ने अपना विरोध बतलाया|
दो महिनों से किसानों का आंदोलन जारी !
प्रिय
पाठको को हम बतादे कि सितम्बर माह में केंद्र सरकार ने पहले लोकसभा और फिर
राज्यसभा में नये तीन कृषी कानुनो को मंजुरी दे दि है| तब से लेकर अभी तक किसान और
उनके समुह यह कहते हुवे केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषी कानुनो का विरोध कर रहे है|
के यह नये नवेले कृषी कानून पुरी तरह से किसान विरोधी है| इससे किसानों का भला नही
बल्की भांडवलदार याने मायापुंजी के मालीको को फायदा होगा| कृषी कानुनो को लेकर
सितम्बर महीने से लेकर अब तक विरोध कर रहे है,जो आज भी बडे आक्रोश के साथ करो या
मरो के नेज पर जारी है|
कॉंग्रेस
के युवा नेता राहुल गांधी ने भी पंजाब में जाकर कृषी कानुनो का विरोध करने के लिये
पंजाब हरियाना के किसानो के साथ ट्रेकटर रैली निकाली थी|
उधर
महाराष्ट्र में भी स्वाभिमानी किसान संघटना के मुखिया और कद्दावर नेता राजू शेट्टी
ने भी केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गये कृषी कानुनो के विरोध में बिल कि प्रतीकात्मक
होली कर के अपना विरोध जतलाया था| कर्नाटक और राजस्थान में भी इससे पहले किसानों
ने जोरदार आंदोलन करके इस नये कृषी कानुनो का जमकर विरोध किया था| लेकीन केंद्र
सरकार अभी किसानों के दबाव में आकर झुकने को तय्यार नही, जिस वजह से नये कृषी
कानुनो को लेकर किसानों का गुस्सा चरम पर है|
अगर यह आंदोलन ऐसा हि चलता रहा तो यह कानुन सुव्यवस्था कि बहाली रखने में महेंगा और खतरनाक साबीत हो सकता है|
कृषी कानुन का डर-कोरोना दर किनार!
आप सभी जानते है के संपूर्ण भारत वर्ष में कोरोना कि दुसरी लाट को लेकर लोगो में चिंता का माहोल है| आए दिन देश कि राजधानी दिल्ली में हजारों कि संख्या में कोरोना पोजीटीव के नये मरीज मील रहे है| मृत्यू दर भी बढ रहा है,ऐसा नही के कोरोना सिर्फ दिल्ली तक हि बल्की देश के अन्य राज्यों में भी कोरोना का कहर जारी है|
लंबे
लॉकडाऊन के बाद अभी-अभी समाजजीवन पटरी पर आ रहा था के,कोरोना ने फिरसे अक्राल-विक्राल
रूप धारण कर लिया है| जीससे लोगो में डर और भय का माहोल है| दुसरी ओर बेरोजगार का
मसला भी बहोत गंभीर होता जा रहा है|
ऐसे
में पंजाब, हरियाना, युपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और अन्य राज्य से कृषी
कानूनो का विरोध करने के लिये रासतो पर निकल पडे है|लेकीन यह हजारो किसान कोरोना
को दर कीनार कर रहे है| जीस कि वजह से कोरोना वायरस का खतरा बहोत बढ सकता है| जिसे
लेकर संपूर्ण भारत देश में चिंता का माहोल है|
हम इस लेख के माध्यम से केंद्र सरकार से यह अपील करते है, के सरकार कृषी कानुनो को लेकर किसान समुह और उनके संघटनाव के प्रतीनिधियो से सकारात्मक चर्चा करते हुए दरमियानी सफलता पुर्वक मार्ग निकाले |
संपादक/लेखक: जर्नलिस्ट मुजीब जमीनदार
Agriculture Bill will cause injustice to farmers
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