प्याज कि नर्सरी कैसे करे ? How to nursery onions?

 

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प्याज कि नर्सरी कैसे किये जाती है| प्याज कि नर्सरी दोनो भी हंगामो में याने खरीप और रब्बी इन दोनो हंगामो में कि जाती है|

    प्याज़ कि नर्सरी कैसे करते हैं।


     (समाचार मीडिया ब्यूरो) भाई किसान क्या आप जानते है, के प्याज कि नर्सरी कैसे किये जाती है| प्याज कि नर्सरी दोनो भी हंगामो में याने खरीप और रब्बी इन दोनो हंगामो में कि जाती है|

      प्याज कि नर्सरी करना अक्टूबर महीने के दुसरे पखवाडे में रब्बी में उचित माना माना जाता है, और अक्टोबर महीने में हि करनी चाहिए|

     प्याज़ कि नर्सरी एक हेकटेयर खेत में रोपाई के लिये पांच आर क्षेत्र योग्य होती है| और इस हिसाब से पांच आर क्षेत्र में छे सात किलोग्राम बीज कि जरुरत होती है| 


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         प्याज़ कि नर्सरी कैसे करते हैं? प्याज़ कि नर्सरी के लिए भाप तय्यार करने से पहले हि, पहेली फसल कि खरपत्वार और खडे, कंकर,पत्थर निकाल फेके|

     आधा टन गाय के गोबर का मिश्रण बनाकर मिलाये अच्छी तरह, और अच्छी जुताई भी कर देना उचित है|

     जरुरत के मुताबिक बेड दस पंधरा सेमी उंचा और और बेड कि चौडाई एक मिटर होनी चाहिए| आप जरुरत के अनुसार लांबान कम-ज्यादा कर सकते है|

     दो मिलीलीटर पेंडीमेथालीन प्रती एक लिटर के हिसाबसे खरपतवार को कंट्रोल करने के लिये छिडकाव बेहतर होता है|

फफुंदनाशक प्रती किलोग्राम बीज कि दरसे छिडकना बेहतर है|


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      ट्रायकोडर्मा विरीडी को रोगप्रतीबंधक के लिये 1250 ग्राम प्रती हेक्टेयर के दर से जैविक कवकनाशि के रूप में उपयोग करना प्याज़ कि नर्सरी के लिए बहोत आवश्यक है |

      एन-एफ-टी 4:1:1 किलोग्राम प्रती पांच सौ वर्गमिटर के हिसाब से बीज बुआइ से पहेले करदेना उचित होता है |

    प्याज़ कि नर्सरी के लिए पचास मिलिमीटर से लेकर पाच्याहात्तर मिलिमीटर के अंतर पर बुवाई करना उचित होता है |

विघटीत गोबर खाद से बुवाई के बाद बीज को ढकना ना भुले |

 प्याज़ कि नर्सरी के लिए जरुरत के हिसाब से पानी का भी इस्तेमाल करना चाहिए |


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सिंचाई के लिये तुषार संच या फ़िर ड्रिप सेट का उपयोग करना बेहतर है|

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 किट नियंत्रण और उपचार के लिये

संयुक्त कवकनाशि दो ग्राम प्रती लिटर पंद्र्ह से बिस दिन बाद में छिडकाव करना बहोत बेहतर है |

फ़ीप्रोनिक एक मिलीलीटर या फ़िर प्रोफोनोफोस एक मिलीलीटर कीट नियंत्रण के लिये इस्तेमाल आवश्यक करले |

मैन्कोजेब एक ग्राम काला करपा रोग के लिये इस्तेमाल करही लेना |

ट्राईसाईक्लोजोन एक ग्राम भुरे और ब्रिंजल कलर के करपा रोग के लिये इस्तेमाल करना बहोत बेहतर होता है |         

Comments

  1. बहुत बढ़िया लेख है।

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    1. Thank you, Visit again our website www.samachar-media.com

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  2. Very good information 👌

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