कृषी कानुन को लेकर किसानो में गुस्सा क्युं और कैसे Why and how the farmers are angry about the agricultural law

 

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      हाल हि में पारित हुये नये कृषी बिल के विरोध में समुचे किसान संघटन ने भारत बंद का ऐलान किया| आप को बतादे, के केंद्र सरकार ने पहेले लोकसभा और फ़िर राज्यसभा में आवाजी मतदान से नया कृषी बिल पास किया| केंद्र का कहना माने तो यह बिल किसान समुदाय के हित का है| लेकीन किसान समुदाय का कहेना है के पारित बिल किसानो के हित में नही बल्की किसान समुदाय के विरोध में साबीत होगा| नतीजा कुछ भी हो, लेकीन इस नये नवेले बिल को लेकर देश भर के किसानो का गुस्सा चरम पर है |

नये कृषी बिल को लेकर किसानो में गुस्सा

      देशभर के किसान समुदाय और विविध किसान संघटनाओ का कहेना है, के केंद्र ने भले हि इस विवादित कृषी बिल को लोकसभा और राज्यसभा में पास किया हो लेकीन, इस बिल को लेकर किसान समुदाय द्विधा में है| ज्ञात रहे के इस बिल को लेकर समुचे भारत के किसान समुदाय में गुस्सा फुट रहा है ,और किसान समुदाय और उनके संघटन  केद्र के विरोध में रास्तो पर उतर आया है| इतना हि नही बल्की किसान समुदाय कोरोना के संकट को दरकीनार करके जोखीम भरे आंदोलन कर रहे है |

       नये कृषी कानून के खिलाफ किसान समुदाय ताल ठोक कर विरोध कर रहे है| इसिका नतीजा है, के भारत के विविध किसान संघटन ने बिल को किसान विरोधी बताते हुवे समुचे भारत बंद का ऐलान कर दिया है |

     किसान और किसान संघटना का कहेना है के, इस कृषी कानून से ठेकेदारो कि बुरी नजर किसानो के जमीनो पर होगी ? इतनाही नही किसान मंडी के बाहेर समांतर मंडी लगाने कि अनुमती देना किसान समुदाय के विरोध में है |

    महाराष्ट्र में नही लगाया जायेगा नया कृषी बिल ?

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        केंद्र सरकार ने पास किये गये इस नये कृषी बिल को हम महाराष्ट्र राज्य में लागू नही करेंगे ? ऐसा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार जी ने कहा, आगे बताते हुवे पवार ने कहा के, नये कृषी कानून को लेकर सभी किसानो में गुस्से का माहोल है और किसान द्विधा में है| किसान समुदाय का विरोध देखते हुवे हम इस कानुन पर विचार विमर्श कर रहे है,उसके बाद हि कानुन् लागू करने पर विचार किया जायेगा| ज्ञात हो के महाराष्ट्र राज्य में महाविकास आघाडी कि सत्ता है |

स्वाभिमानी किसान संघटना का विरोध

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        महाराष्ट्र के हि कद्दावर नेता और स्वाभिमानी किसान संघटना के मुखिया राजू शेट्टी भी इस नये कृषी कानून का विरोध कर रहे है| उन्होने कहा के यह बिल किसान समुदाय के विरोध में होने से हम इसे अस्वीकार करते है| और कहा के नये और जल्दबाजी में पारित हुवा बिल किसानो के हित में नही है| इस नये कृषी कानून का विरोध जताते हुवे स्वाभिमानी किसान संघटना के कार्यकर्ताओ ने प्रतिकात्मक बिल कि होली कर अपना विरोध जतलाया |

      भले हि केंद्र में कुर्सी पर बैठी सरकार चिल्ला चिल्ला कर किसानो से कह रही है,के यह नया  कृषी बिल संपुर्णतः किसानो के हित में है| लेकीन बिल को जल्दबाजी में पास करने के रवय्ये से किसान समुदाय खफा है| और किसान कृषी बिल पर विशवास रखने कि बजाये विरोध जतला रहे है |

      एक बात तो है ,के समुचे किसान वर्ग बिल को लेकर द्विधा स्थिती से गुजर रहे है| पहेले कोरोना कि मार ने सब के साथ किसानो भी झग्झोड कर रख दिया ,और अब यह कानुन ! ऐसा किसानो के मुख से सुनाई दे रहा है |  

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