कोरोना कि धार ! उपर से बेरोजगारी कि मार ! Corona's Edge! Unemployment hit from above!

     

Corona's Edge! Unemployment hit from above!
प्रतीकात्मक चित्र

     आज सारी दुनिया कोरोना वायरस से लड रही है, लेकीन कोरोना वायरस है, कि मानता नही ! कोरोना ने सारी दुनिया को झग्झोड कर रख दिया है| लोग अपने अपने घरो में कहीं महिनों से बंधक बन कर रह गये| लेकीन बंधक भी आखिर कब तक बने रहे, इसकी मर्यादा है| लेकीन कोरोना के प्रकोप से बचने के लीये सावधनिया बरतना भी बहोत जरुरी है| क्योंकी यहां कोरोना वायरस आये दिन दुनिया और उन्मे बसे लोगों के लिए घातक बन रहा है| आये दिन कोरोना से मरने वालों कि संख्या में इजाफा हो रहा है| तो कोरोना वायरस से संक्रमण होने वाले मरीजो कि संख्या भी आये दिन बढ रही है| यह हम सब के लिये चिंता का विषय है|

     आज के कोरोना के ताजा आंकडे यह बताते है, कि पिछले 24 घंटो में भारत देश में कोरोना से संक्रमित मरीजो का आंकडा 93337 के पार हो चुका है| तो अब तक कि संख्या 53 लाख के पार जा पहोंची है| और कोरोना के चपेट में आने से पिछले 24 घंटो में 1247 लोगों ने अपनी जान गवाई है |

     हमारा भारत वर्ष भी घातक कोरोना वायरस के चुंगुल में फस गया है| जनवरी महीने के आखिरी दिनो से लेकर आज तक संक्रमण का खतरा हमारे सरो पर मंडरा रहा है| ज्यादा तर  लोग अपने हि घरो में कैद है| क्योंकी घर के करते धरते व्यक्ति को संसारिक जीवन में लगने वाली चीजें मुह्य्या कराने के लिए घर से बाजार में जाना पढता है| ऐसे में बाजार के जमावडे में एक भी व्यक्ती संक्रमित हो कर बाजार से  गुजरता है, तो संक्रमण होने का खतरा और भी ज्यादा बढ जाता है| खास कर उन लोगो के लिए जो बुजुर्ग है| या फ़िर डायबेटीस के शिकार है, या फ़िर हृदय के मरीज है|

    मरने वालो में अधिकतर लोग वह पाये गए है, जो डायबेटीस के मरीज है, या फिर हृदय रोगी है और बुजुर्ग है यह हुवा ज्यादातर वाला आंकडा| लेकीन मरने वालो में युवा और अधेड उमर के लोगो कि संख्या भी कुछ कम नही है| यह मै नही ताजे आंकडे बताते है |

कोरोना कि धार ! उपर से बेरोजगारी कि मार !!

 

Corona's Edge! Unemployment hit from above!
प्रतीकात्मक चित्र

     पिछले कहीं महिनो में लॉकडाऊन के चलते हमारे संपूर्ण व्यापार ठप हो चुके है| उत्पादन क्षेत्र भी कोरोना काल में बंद रहे| आम मजदूर वर्ग संसार का गाडा चलाने में दर दर कि ठोकरे खाता रहा| किसान कभी जमीन कि ओर देखता, तो कभी आसमान कि ओर नजरे लगाये बैठा रहता| मध्यम व्यापारी वर्ग भी बेबस होकर मायुसि से जीवन बिताता रहा| व्यापारी होने कि पहेचान से मुफ्त में मिलने वाला भोजन या अनाज नही ले पाया, और नाही सर उठा कर जी सका| बस आए दिन गुजारता चला गया| कंपनी और कारखाना मालीको ने अपने यहां काम करने वाले जॉब वर्कर अचानक कम कर दीये| जिसकी वजह से युवा बेरोजगार का आंकडा और भी उंचाई छूता गया| युवा बेरोजगार रोजी रोटी के लिये सुनी-सुनी रासतो पर आवारा भटकता रहा| उंची पोस्ट और ओह्दे पर काम करने वाले जॉब वर्कर को तनख्वा कि कटोती पर समाधान रहेना पढा| थोडे पर हि उन्हे गुजर बसर करना पढा, ऐसे एक नही बल्के लाखो लोगो को इसका नुकसान भूगतना पढा| स्त्रोत के जानकारी के मुताबिक देश भर में 1.87 लाख लोग बेरोजगार हो चुके है| ऐसे में जिंदगी बसर करने के लिए और रोजगारी तलाश ने के लिये घर से बाहर तो निकलना पढेगा|

क्योंकी जिना इसीका नाम है|  

            

                संपादक/लेखक: जर्नलिस्ट मुजीब हुसेन जमिनदार

Comments

Popular posts from this blog

शब ए मेराज का वाकिया हिन्दी में Shab E Meraj ka Waqia Hindi Me

गणेश सुरवसे सहाब आष्टी पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर नियुक्त

आष्टी पुलिस स्टेशन ने कि देसी शराब बेचने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, शराब ज़ब्त Ashti police station has taken a big action against the sellers of country liquor, confiscating the liquor