रमजान ईद कैसे मनाएगे ? शब ए कद्र याने बडी रात कैसे मनाएगे ? How will Ramadan celebrate Eid? How will Shab e Kadra celebrate the big night?
अलहम्दुलील्लाह आज रमजान का 26 वा रोजा है| अल्लाह के फजल व
करम से हमारे आज तक के पुरे रोजे हो चुके है| पंज वक्त नमाजो का एहतेमाम हुआ, जिक्र व तज्बियात कि
पाबंदी हुई, तरावीह कि नमाज भी अदा कि गई, LOCK DOWN के चलते नमाजे घर पर हि अदा कि गई| अब 27 वी शब पर इन्शा अल्लाह शब ए ख्रद्र मनाए जाएगी| रात भर जगने का एहतेमाम होगा, इबादत होगी, कजा ए
उमरी व नवाफील अदा करेंगे, इन्शा अल्लाह सलातुल तस्बिह् भी अदा करने कि नियत हमने
कि है| तोबा अस्तग्फार होगा, अल्लाह पाक से दुआये मांगी जायेगी| इसी उम्मीद के साथ
के अल्लाह हमारी इबाद्ते, रोजे, नवाफिले जरूर कुबूल करेगा| इस रात फरिश्ते
पहेले आसमान पर आते है और सुबह तक ये आवाज लगाते रहते है, के है कोई अल्लाह से
दुआए मांगने वाला, के उसकी दुआये अल्लाह पाक जरूर कुबूल करेंगा| है कोई मग्फिरत का
तलबगार के उसकी मग्फिरत कुबूल होंगी| है कोई रोजी का मांगने वाला के उसे रोजी दिये
जाएंगी और फरिश्ते सारी रात मुनादी लगाते रहते है|
जब दिन निकल जाता है, तो फरिश्ते सातवे आसमान कि ओर कूच करते
है| ईस रात में सब लोगों कि दुआये अल्लाह पाक कुबूल करते है| सिवाये उन लोगो के जो शराबी
हो, जिना करने वाला हो और मॉं बाप का ना फर्मान हो| इसी तऱह ये निहायत अजमत वाली
रात गुजर जाती है| और बा बरकत वाला माहे रमजान अपने सफर के आखरी पडाव पर रहता है | ये सोच कर के अब रमजान अपने आखरी सफर पे है| मेरा दिल अंदर से दहाडे मार मार कर रो
रहा है| ये लिखते हुये मेरे आसू जारो कतार बहे रहे है| अब बस रमजान के 3 या फ़िर 4
रोजे होंगे| अल्लाह पाक हमारी तुटे फुटे रोजे, नमाज, तिलावत, जिक्र व अश्कार को बे
इन्तेहा कुबूल फार्माये, और हम से जितने भी गलतीयां, कोताहीयां हुई है उसे माफ करदे | और हम
सब को ऐसे हजारो लाखो बा बरकत वाले रमजान नसीब अता फर्माये |
प्रतीकात्मक चित्र |
अल्लाह पाक से हम ये खास दुआ मांगते है के, CORONA VIRUS और उस से होने वाली COVID-19 बिमारी से, जानलेवा महामारी से हमारे भारत देश और दुनिया के सभी मखलुख कि हिफाजत फर्माये - याने सभी जीव कि रक्षा करे ! आमीन -सुम्मा आमीन | रमजान के आखरी रोजे के इफ्तार के बाद फौरन जब चांद नजर आएंगा, तो वो शव्वाल के महिने कि पहेली शब होती है| वो भी बा बरकत होती है, इस रात को लैलतुल जायेजा भी कहा जाता है, इसे ईनाम कि रात भी कहा जाता है| इस रात में मोमीन कि दुआये अल्लाह तआला जरूर कुबूल करता है| अब सारे रमजान महिने का निचोड आता है, जिसे हम ईद उल फित्र कहेते है| हम सब मुसलमानो को अपनी जान का सदका याने फ़ी आदमी 2 किलो गेहू या जवारी अनाज गरीबो में तक्सिम करने के बाद हि ईदगाह में जाना होता है, ताके सारे के सारे गरीब भी हमारे साथ ईद मना सके| हम ईद के दिन नए नए कपडे पहेन कर, इतर व आंखो में सुरमा लगा कर और सुन्नत के मुताबिक थोडा मीठा खा कर ईदगाह शरीफ में जाकर नमाजे ईद उल फित्र अदा करेंगे, इन्शा अल्लाह- याने उपर वाला चाहे तो |
LOCKDOWN के चलते शायद हमारी नमाज ए
ईद उल फित्र हमे अपने घर पर हि अदा करना पडेगी, जैसी अल्लाह कि मर्जी ! अब हम SOCIAL DISTANCE का पालन करते हुवे अपने रीश्तेदार और दोस्त अहेबाब को, पडोसियो को, हमारे हम वतन भाईयो को और दुनिया
के तमाम लोगों को ईद कि मुबारक बाद देंगे, इन्शा अल्लाह| और घर पर हि अपने खानदान
के साथ ईद कि खुशीया बाटेगे, इन्शा अल्लाह-याने उपर वाला चाहे तो |
सो गाईस आपको यह मेरा रमजान महीने पर आधारित कंटेंट कैसा लगा| कमेंट्स सेक्शन में जाकर जरूर बताये | पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेअर करे |
सो आप सब भारत के देश वासीयो और दुनिया के तमाम लोगो को मेरे और मेरे परिवार के तरफ से ईद कि ढेर
सारी खुशिया मुबारक ! ईद उल फित्र मुबारक !!
लेखक/संपादक: जर्नलिस्ट मुजीब जमीनदार
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